Thursday 27 September 2012

सविता भाभी की चुदाई

सविता भाभी की चुदाई हैलो! दोस्तों मेरा नाम विवेक वर्मा है मैं दिल्ली से हूं। मै अपनी एक स्टोरी लिखने जा रहा हूं जो कि सच्ची है। बात उन दिनो की है जब मैं ने १२ वीं के एक्साम दिया था मेरे भाई भाबी मुम्बई मैं रहते हैं मैं रिजल्ट निकलने तक मुम्बई चला गया मैं दिल्ली से कभी बाहर नहीं गया था ये मेरा पहला चांस था पर मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि पहला चांस और हमेशा के लिये यादगार रहेगा।
 मैं मुम्बई स्टेशन पर पहुंचा मेरे भाई मुझे लेने के लिया वहां पर आया था। मैं उनके साथ घर चला गया। जब घर पहुंचा तो भाभी से मिला और फिर मैं ने फ़्रेश होकर खाना खाया, मेरी भाभी और भाई बहुत अच्छे हैं। मेरी स्टोरी के में एक आदमी के बारे में मैं ने तुम्हे बताया ही नहीं ये पड़ोस में रहने वाली सेक्सी भाभी उनके पति मेरे भाई के साथ ही काम करते हैं मेरी उनसे भी जान पहचान हो गयी और मैं उनके घर भी जाने लगा और पड़ोस वाली भाभी को भी अपनी भाभी की तरह इज़्ज़त देता था और ७ -८ दिनो मैं उससे मिल गया जैसे वहीं पर सालों से रहा हूं और उन्हे जानता हूं।
मेरा भाई और पड़ोस के भाई एक ही पोस्ट पर काम करते हैं सो उनको काम से मुम्बई से १५ दिनो के लिया बाहर जाना था और वो चले गये मेरी भाभी को भी एक सहेली की शादी में पुणे जाना था वो उनके बेस्ट दोस्तो में से एक थी, उनको १ वीक के लिये जाना था, सो वह अपने कपड़े सम्भाल रही थी और मुझसे कहा कि तुम भी मेरे साथ पुणे चलो पर मुझे न जाने क्यों पुणे जाने का मन नहीं था, मैं ने भाभी से कहा कि मुझे वहां कोई नहीं जानता आप जाओ। उन्होने कहा नहीं चलो और मुझे पर प्रेसर देने लगी फिर मैं ने बहुत रेकुएस्ट की फिर वो मान गयी।
फिर उन्होने मुझसे सविता भाभी(पड़ोस की भाभी) को बुलाने के लिये कहा मैं ने भाभी को बुलाया और भाभी ने भाभी से कहा कि मैं शादी में जा रही हूं तुम विवेक के लिये खाना बना देना। सविता भाभी के कहा कोई बात नहीं अगर आप नहीं कहती तो भी मैं विवेक के लिये खाना बना देती। और फिर भाभी अगले दिन चली गयी। मैं घर में अकेला था सविता भाभी ने मुझे नाश्ता करने के लिये कहा और मैं उनके घर चला गया नाश्ता करने के बाद मैं अपने फ़्लैट में जाने के लिये हुआ तभी सविता भाभी ने मुझे कहा विवेक वहां अकेले क्या करोगे यहीन पर रहो और मैं भी सोच रहा था कि वहां क्या करुंगा और फिर हम दोनो बात करने लगे, बातों बातों में उन्होने मुझसे कहा कि तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेंड है मैं ने कहा कि भाभी अभी तो मैं बच्चा हूं, मेरी कोई गर्लफ़्रेंड कैसे हो सकती है? वो हंसने लगी। पता नहीं क्यों अब मुझे उनमें इंटेरेस्ट होने लगा था मैं ने उनके ब्रेस्ट की तरफ़ देखा। उनके बूब्स काफ़ी बड़े हैं उनका फ़ीगर साइज़ ३८ -२९ -३८ है।
वो हमेशा घर में रहती है तो विसिब्ल कपड़े पहनती है उनकी ब्रा साफ़ नज़र आती है। जब वो हंस रही थी मैं ने भी पूछा भाभी तुम्हारा कोई ब्वोयफ़्रेंड है या शादी से पहले कोई था तो वो चुप हो गयी और कहने लगी नहीं विवेक। हमने बाते की और दोपहर और रात का खाना खाया। रात को में अपने फ़्लैट में सोने के लिये जा रहा था तो भाभी ने एक बार फिर मुझसे कहा यहीं सो जाओ में अकेली हूं। मुझे डर लगता है। उन्होने मुझे सोने के लिये रूम दिखाया और कहा अगर रात कोई प्यास लगे तो मेरे रूम में आ जाना क्योंकि वहीं पर फ़्रिज है मैने कहा ओके।
फिर मैं सो गया। यारों, मुझे रात कभी प्यास नहीं लगती पर न जाने क्यों उस रात मुझे प्यास लगी और में भाभी के रूम में चला गया रूम में अंधेरा था मैं ने मोबाइल की लाइट ओन की और मुझे फ़्रिज़ मिल गया मैं ने फ़्रिज़ से बोतल निकाली पानी पिया और फिर बोतल रखी जैसे ही फ़्रिज़ बंद कर रहा था कि मुझे बेड पर भाभी सो रही थी, फ़्रिज़ की लाइट से वो दिख रही थी,
 अचानक मेरी नज़र उनके बदन पर गयी मैं ने देखा कि वो नाइटी पहन कर सो रही है। नाइटी से उनके नंगे पैर दिख रहे थे ओह माय गोड उनकी पैर कितने चिकने थे फिर मेरि नज़र ऊपर गये तो देखा को उनकी ब्रेस्ट से नाइटी खुली है और उनकी ब्रा दिख रही है। मुझसे रहा नहीं गया और मैं फ़्रिज बंद करके अपने रूम में चला गया। उनको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं उनको चोदने की सोच कर अपने कमरे से निकला पर उनके रूम पर जाते ही मुझे अच्छा नहीं लगा क्योंकि मैं उन्हे भी भाभी की तरह मानता था और मेरे कदम रुक गये ।
रात भर सपने मैं वो ही नज़र आयी। रात को देर से सोया इसलिये सुबह नींद नहीं खुली १० बज रहे थे भाभी मेरे रूम में आ कर मुझे उठने को कहा। उन्होने कहा कि तबियत तो ठीक है, मैं ने कहा हां सही है।
 देर से क्यों उठे मैं ने कहा पता नही भाभी आज नींद कुछ ज्यादा ही आ गयी उन्होने कहा ओके और कहा कि अपने फ़्लैट में फ़्रेश होकर आ जाओ फिर हम नाश्ता करेंगे। मैं ने कहा सही है फिर मैं चला गया फिर मैं भाभी के फ़्लैट मैं आया।
फिर वहीं रात हो गयी भाभी ने वही कहा कि प्यास लगे तो मेरे कमरे में आ जाना और चले गयी। मुझे रात को नींद नहीं रही थी और पानी लेने के लिये फिर उनके कमरे में चला गया फिर वही सीन, यार, मुझे भाभी को चोदने को मन कर करने लगा पर हिम्मत नहीं कर पाया।
अगले दिन वहीं रात में फिर मैं पानी के लिये गया इस बार सीन कुछ और था भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी और उनका एक बूब्स साफ़ दिख रहा था मेरे लंड में तनाव आ गया पहली बार मेरे लंड इतना तनाव आया था मैं अपने कमरे में आ गया और मुझसे से रहा नहीं गया और मैं ने पहली बार ज़िंदगी में मुठ मारा। अगले दिन फिर वही रात फिर भाभी ने कहा प्यास लगे तो मेरे रूम मे आ जाना और स्माइल दे गयी। मुझे इस बार स्माइल सीधा दिल पर चुभ गई। आधे घंटे के बाद मैं उनके रूम में गया मैं ने देखे आज नज़ारा कुछ और है भाभी पैंटी और ब्रा में हैं बस अब मुझसे नहीं रहा गया मैं ने नाइट लाइट ओन की अब उनकी बोडी पूरी तरह लाल लाइट में लाल लग रही थी मुझसे से रहा नहीं गया
मैं ने भाभी के पैर को छुआ फिर बूब्स और बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा फिर पैंटी में हाथ डाला और चूत पर हाथ फेरा, मैं बहुत गरम हो गया था पर अब भी भाभी को चोदने की हिम्मत नहीं कर पर रहा था। और मुझे लगा कि अब बहुत हो गया, ज्यादा डर भी रहा था कि भाभी को पता चल जायेगा। फिर मैं बेड से अपने रूम की तरफ़ के लिये उठा तो अचानक मैं ने देखा कि भाभी ने मेरे हाथ पकड़ लिया और बहुत ही धीरे आवाज़ में कहने लगी कि मुझे गरम करके कहां जा रहे हो मुझे ठंडा तो करो। अब तो मुझसे रुका नहीं जा रहा था सीधे ही भाभी के होंठों को चूसने लगा एक हाथ बूब्स पर और एक हाथ चूत पर भाभी भी मेरे होंठों को चूसने लगी और उन्होने मेरी पैंट के अंदर हाथ अदाल कर मेरा लंड पकड़ लिया जो कि पूरी तरह से चूत में जाने के लिये बेचैन था।
 मैं ने भाभी की ब्रा और पैंटी और अपने कपड़े भी उतार दिया मैं और भाभी पूरी तरह से नंगे थे। अब मैं उनके बूब्स को चूसने लगा फिर उनकी चूत को चाटने लगा और वो तड़प उठी। फिर उन्होने मेरे लंड को मुंह में ले लिया। चूसने लगी फिर उन्होने मुझसे लंड चूत में डालने का इशारा किया मैं ने उनकी चूत में लंड डाल दिया फिर क्या मेरा लंड ६" का है मैं ने धक्कहा मार मार कर पूरा लंड चूत में डाल दिया भाभी आवाज़ निकाल रही थी अह्ह उह मर गयी अहह ए ए जोर से, फिर मैं ने भाभी से कहा की भाभी निकलने वाला है क्या करुं उन्होने कहा मेरे मुंह में दे दो मैं ने उनके मुंह में दे दिया और उन्होने पुरा माल निगल लिया हमने भाभी के आने तक रोज़ सेक्स का मजा लिया।
फिर भाभी आ गयी और हमरा चूत मारने का सिलसला खत्म हो गया। और फिर भाई और उसके पति भी आ गये लेकिन अब हम नोर्मल हो चुके थे ताकि किसी को कोई शक न हो। और फिर मैं दिल्ली आ गया लेकिन पहले मैं सविता भाभी से मिला और उनको अपना कोन्टक्ट नम्बर दिया। दोस्तो वो मुझे अपना दोस्त मानती हैं और हम दोनो कोन्टक्ट में रहते हैं।